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गुरुवार, 14 जनवरी 2016

गर्मीयों में अपना रक्षा कैसे करें. हिन्द में जानकारी

Hello friends welcome back to health टिप्स aaj hum janenge ki garmiyo me apna raksha kaise kare to chaliye jante hai.

भाग-दौड़ की जिन्दगी में गर्मी के डर से घर में दुबक कर बैठ भी तो नही सकते।गर्मी को देखते हुए जरूरी है कि पहले से ही इस मौसम के लिए अपनी प्लानिंग कर ली जाए। इससे मौसम के नकारात्मक असर से बचा जा सकेगा।ऐसे शुष्क और उष्ण मौसम में खान-पान और पहनावे पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि लू और गर्मी की वजह से शरीर में होने वाली पानी की कमी से बचा जा सके।प्राय: शरीर में जल की कमी के कारण अनेक दिक्कतें पैदा होने लगती है। इसलिए इस मौसम में स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।गर्मी में लापरवाही के कारण शरीर  में निर्जलीकरण (dehydration),लू लगना,चक्कर आना घबराहट होना ,नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn,घमोरिया जैसी कई diseases हो जाती हैं।

 

गर्मी से होने वाली बीमारियों के कुछ मुख्य कारण:-

१.गर्मी के दिनों में खुले शरीर धुप में चलना और भाग-दौड करना,

२.तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानि भूखा-प्यासा बाहर जाना,

३.धुप से आकर तुरंत ठण्डा पानी या अन्य ठन्डे पेय का सेवन करना,

४.तेज धुप से आकर सीधे AC कूलर में बैठना या यहाँ से सीधे उठकर  धुप में जाना,

५.तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना,

६.तैलीय,गरिष्ठ,तेज मसाले,बहुत गर्म खाना खाने,अधिक चाय,शराब का सेवन करना,

बचाव के तरीके:-जैसा की आप जानते हैं उपचार से बचाव बेहतर होता है,यहाँ पर हम गर्मी से कैसे बचा जाये इस पर चर्चा करेंगे.

 

गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये,गर्मी के मौसम में चमकदार, भड़कीले और चटक रंग वाले कपड़े गर्मी को अवशोषित करते हैं। जिससे शरीर की त्वचा जलने लगती है। इसके विपरीत हल्के रंग वाले, सादे रंग उत्तम माने जाते हैं। खास कर पूरी गर्मी में सूती कपड़े पहनना चाहिए। यदि सूती कपड़े उपलब्ध न हों,तो ऐसे कपड़े चुनें,जिमें सूती का अंश अधिक हो।  

चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये 

गर्मी में ज्यादा भारी,बासी भोजन नहीं करे,क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद रहती है ,इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है,गरम मसालों का उपयोग: लौंग, जायफल,दालचीनी का प्रयोग कम करें। 

गर्मी में जब भी घरसे निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं

बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये,यानि की  आम का पना, खस,चन्दन,गुलाब,फालसा,संतराका सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद का सेवन करना चाहिये

हरी ताजी सब्जियों का यथा  लोकी ,ककड़ी,खीरा, तोरई,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज,नेनुआ  आदि का सेवन अधिक करना चाहिये

ठन्डे  पानी का सेवन ,४से ५ लीटर रोजाना करना चाहिए 

सफेद   प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय जेब में प्याज रखना चाहिये

भोजन के समय पूदीना, प्याज और कच्चे आम की चटनी अवश्य खायें 

सुपाच्य खाद्य-पदार्थों का सेवन करें,खिचड़ी में सब्जियां डालकर प्रति दिन लिया जा सकता है

चाय और काफी का उपयोग कम करें,शराब का सेवन यथासम्भव न करें 

गर्मी के मौसम में अधिक-से-अधिक कार्य प्रात: और शाम को निपटाना चाहिए।

गर्मियों में सिरदर्द और अधकपारी बढ़ जाती है। जिन्हें सिरदर्द रहता है, उन्हें धूप में नहीं निकलना चाहिए। यदि मजबूरन बाहर जाना ही हो, तो सिर पर टोपी, पगड़ी, अंगोछा या कोई कपड़ा रखकर निकलना चाहिए। 

गर्मियों में स्किन प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए हर्बल फेस पैक अपनाएं। गर्मियों में धूप की वजह से चेहरे पर रूखापन आ जाता है, अधिक समय तक रूखापन बने रहने से त्वचा संबंधी रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और इससे एलर्जी की आशंका सबसे ज्यादा रहती है।

गर्मी में बॉडी के साथ ही आंखों पर भी ज्यादा नेगेटिव असर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि इनका भी खास ख्याल रखा जाए।

Dosto Kaisa lagA ye post achcha laga to thanks Nhi to comment karke zaroor kahe.

1 टिप्पणी:

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